सिर्फ तुम्हारे लिए
सिर्फ तुम्हारे लिए
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1- धडकता है दिल तुम्हारा
मेरे सीने में
कहो कैसे
समझाऊं इस नादान को
बस तुम्हारा ही नाम लेता है
मेरी कब सुनता है |
तुम इसे भाव नहीं देते
दिल ये बीमार सा रहता है |
2- तूने तो कह दिया
मुझे बेवफा
पर मैं बेवफा नहीं
आ के देख….
कर महसूस
तुम बसे हो मेरी सांसों में
कहो कैसे रोक दूं इन्हें
ये आती – जाती हैं
सिर्फ तुम्हारे लिए |
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
गॉव रिहावली, डाक तारौली गुर्जर, फतेहाबाद-आगरा
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