कविता

सिर्फ तुम्हारे लिए

सिर्फ तुम्हारे लिए
———————
1- धडकता है दिल तुम्हारा
मेरे सीने में
कहो कैसे
समझाऊं इस नादान को
बस तुम्हारा ही नाम लेता है
मेरी कब सुनता है |
तुम इसे भाव नहीं देते
दिल ये बीमार सा रहता है |

2- तूने तो कह दिया
मुझे बेवफा
पर मैं बेवफा नहीं
आ के देख….
कर महसूस
तुम बसे हो मेरी सांसों में
कहो कैसे रोक दूं इन्हें
ये आती – जाती हैं
सिर्फ तुम्हारे लिए |

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
गॉव रिहावली, डाक तारौली गुर्जर, फतेहाबाद-आगरा
283111

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111