संदेश
मेरा संदेश सुनो
जरा कान खोलो
चुप क्यूँ हो बैठे?
अब कुछ तो बोलो
लुटता संसार दिखे
वहशी घुमे रात को
मशाल उठा ली है
देदो अब साथ तो
किसी अपराधी को
धर्म से ना तोलो
मेरा संदेश सुनो
जरा कान खोलो
चुप क्यूँ हो बैठे?
अब कुछ तो बोलो
मेरा संदेश सुनो
जरा कान खोलो
चुप क्यूँ हो बैठे?
अब कुछ तो बोलो
लुटता संसार दिखे
वहशी घुमे रात को
मशाल उठा ली है
देदो अब साथ तो
किसी अपराधी को
धर्म से ना तोलो
मेरा संदेश सुनो
जरा कान खोलो
चुप क्यूँ हो बैठे?
अब कुछ तो बोलो