कविता

वृक्ष हैं प्रकृति का श्रृंगार

वृक्ष
हैं
प्रकृति का श्रृंगार
परमात्मा का प्यार
परोपकार की सुरम्य सरिता
आकाश से उतरी हुई
जीवंत कविता
अनेकानेक जीवों के
आश्रयदाता
विभिन्न व्यवसायों को
पनपाने वाले
जीवनदाता
पर्यावरण के पोषक
वायु प्रदूषण के शोधक
फल-फूलों के भंडार
अन्न-दालों के आगार
सब्ज़ियों के सरताज
जड़ी-बूटियों के बादशाह बेताज
मौसम के संरक्षक
मिट्टी के कटाव के नियंत्रक
शीतलता के संप्रेषक
सुखदाई छाया के वितरक
संवेदनशील साधक
मौन आराधक
सजावट के सेवक
उपकार के प्रेरक
हरियाली का गीत
खुशहाली का संगीत
धूप से त्राता
फर्नीचर और ईंधन हेतु लकड़ी के दाता
कृषक की आशा
स्नेह की भाषा.
आइए,
इस भाषा को जानें
वृक्षों की महत्ता को पहचानें
अधिकाधिक वृक्ष लगाएं
इस प्रकार
प्रकृति की इस सुंदर देन को
समृद्ध बनाएं
महकीली सृष्टि को
और भी महकाएं.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “वृक्ष हैं प्रकृति का श्रृंगार

  • लीला तिवानी

    प्रदीप भाई, अभी हाल ही में सदाबहार काव्यालय (कविता संग्रह) शुरु किया गया है. सदाबहार काव्यालय-1 में राजीव गुप्ता की ग़ज़ल आई है. सदाबहार काव्यालय-2 में गुरमैल भाई की रचना. सदाबहार काव्यालय-3 में राजकुमार भाई की रचना आई है. आप भी अपनी कोई प्रतिनिधि काव्य-रचना भेज दें. आप हमारा ब्लॉग सदाबहार काव्यालय: एक परिचय पढ़ लें, सारी कथा समझ में आ जाएगी. आपकी काव्य-रचनाओं की प्रतीक्षा में हैं. आप सदाबहार काव्यालय-1,2,3 भी पढ़ें और सदाबहार काव्यालय-2 में अपनी प्रतिक्रियाएं लिखें. इस ब्लॉग में कामेंट्स पब्लिश हो रहे हैं. आज इसी विषय पर हमने इसी विषय पर एक ब्लॉग भी लिखा है. आप उसे पढ़ लें और अपनी कोई काव्य-रचना भेज दें.

  • प्रदीप कुमार तिवारी

    प्राकृतिक महत्व को दर्शाती बेहतरीन कविता

    • लीला तिवानी

      प्रिय प्रदीप भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत सुंदर लगी. हमेशा की तरह आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

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