जुड़वां भाई
छोटू मोटू जुड़वां भाई,
आपस में करते न लड़ाई,
छोटू एक इंच छोटा था,
मोटू तीस ग्राम था भारी.
दोनों में कुछ भेद न दिखता,
इससे मुश्किल भारी होती,
एक उड़ाता दूध-मलाई,
खूब मार दूजे को पड़ती.
छोटू पढ़ता बहुत ध्यान से,
घर का काम भी कर लाता था,
जब पिटने की बारी आती,
छोटू ही तब पिट जाता था.
पर दोनों में प्यार बड़ा था,
वे न अकेले रह सकते थे,
पड़ता इक बीमार अगर तो,
दूजे के भी अंग जलते थे.
रोता एक अगर था घर में,
दूजा शाला में रोता था,
एक अगर खुश होता था तो,
दूजा बिना वजह हंसता था.
बड़े हुए तो हुई सगाई,
बरात थी मोटू की आई,
पर जब ध्यान से देखा गया तो,
दूल्हा बने थे छोटू भाई.
इस बाल कथा गीत में जुड़वां भाइयों की व्यथा वर्णित है. अक्सर ऐसा होता देखा गया है, कि जुड़वां भाइयों में एक करे-दूजा भरे वाली बात हो जाती है. गलती याशरारत एक करता है, पिटाई दूसरे की हो जाती है. एक को एक बार भी दूध नहीं मिलता, वह भूखा रह जाता है तो दूसरे को दो बार दूध पिला दिया जाता है.