मोहब्बत की बातें
अब वो प्यार मोहब्बत की बातें
सुनने में कम ही है आते,
सीरी फरहाद के किरदार
कहानियों से बाहर नहीं आते,
खूने दिल से खत लिखते थे
आंखों से करते थे तब बातें,
इंतजार करते थे उम्र भर
जुबान से कुछ ना कह पाते,
हाल-ए-दिल जब भी पूछते थे
हंसकर के तब रह जाते,
अंदर ही अंदर घुटते रहते थे
इजहार मुश्किल से कर पाते,
प्रेम में जितना डूबते थे
उतने ही ऊपर थे आते
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