गीतिका/ग़ज़ल

मोहब्बत की बातें

अब वो प्यार मोहब्बत की बातें
सुनने में कम ही है आते,

सीरी फरहाद के किरदार
कहानियों से बाहर नहीं आते,

खूने दिल से खत लिखते थे
आंखों से करते थे तब बातें,

इंतजार करते थे उम्र भर
जुबान से कुछ ना कह पाते,

हाल-ए-दिल जब भी पूछते थे
हंसकर के तब रह जाते,

अंदर ही अंदर घुटते रहते थे
इजहार मुश्किल से कर पाते,

प्रेम में जितना डूबते थे
उतने ही ऊपर थे आते

राजेश सिंह

पिता. :श्री राम चंद्र सिंह जन्म तिथि. :०३ जुलाई १९७५ शिक्षा. :एमबीए(विपणन) वर्तमान पता. : फ्लैट नं: ऐ/303, गौतम अपार्टमेंट रहेजा टाउनशिप, मलाड (पूर्व) मुंबई-400097. व्यवसाय. : मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीयकृत बैंक, मुंबई मोबाइल. :09833775798/08369310727 ईमेल. :[email protected]

One thought on “मोहब्बत की बातें

  • विजय कुमार सिंघल

    ग़ज़ल में और सुधार करने की कोशिश कीजिये.

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