ग़ज़ल
दुख और कष्टों को भुलाना सीख लें
दुख दौर में भी मुस्कुराना सीख लें |
रब ने दिया है वुद्धि, इस्तेमाल हो
आजीविका विधिवत कमाना सीख लें |
दुनिया नहीं इतना बुरा, यह मान लो
आपत्ति में भी जगमगाना सीख लें |
है तोड़ना आसान रिश्तों को यहाँ
टूटे घरों को भी बसाना सीख लें |
दुनिया डराए तो न डरना तुम कभी
वे दन्त बत्तीसी दिखाना सीख लें |
दुश्मन किसी को मानना तो हक़ नहीं
तुमको अगर माने, हराना सीख लें |
कोई रुलाये यदि कभी, तो बख्श दें
उनकी हँसी से ही हँसाना सीख लें |
अभिप्राय सबका अलग लग क्यों न हो
सबसे सदा ‘काली’ निभाना सीख लें |
कालीपद ‘प्रसाद’