कुण्डली/छंद

घनाक्षरी

प्रेम के भी रंग – ढंग कैसे हैं प्रसंग सब।
बात – बात पर चल जाती यहाँ गोली है।।

ऋद्धि-सिद्धि सुख-शांति कैसे आये पास जब।
फणि फुँफकार जैसी विष भरी बोली है।।

सारा सत ज्ञान लिये गीता है कुरान यहाँ।
किंतु धर्म – नाम पर हो रही ठिठोली है।।

पायेगा न श्याम जैसा प्रेम अब कहीं कोई।
राधिका सी साधिका न कहीं मीरा भोली है।।

शुभा शुक्ला मिश्रा ‘अधर’

शुभा शुक्ला मिश्रा 'अधर'

पिता- श्री सूर्य प्रसाद शुक्ल (अवकाश प्राप्त मुख्य विकास अधिकारी) पति- श्री विनीत मिश्रा (ग्राम विकास अधिकारी) जन्म तिथि- 09.10.1977 शिक्षा- एम.ए., बीएड अभिरुचि- काव्य, लेखन, चित्रकला प्रकाशित कृतियां- बोल अधर के (1998), बूँदें ओस की (2002) सम्प्रति- अनेक समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में लेख, कहानी और कवितायें प्रकाशित। सम्पर्क सूत्र- 547, महाराज नगर, जिला- लखीमपुर खीरी (उ.प्र.) पिन 262701 सचल दूरभाष- 9305305077, 7890572677 ईमेल- [email protected]