परमवीर शहीद अब्दुल हमीद की याद में नज़्म
माह सितम्बर दस तारीख़ को भारत का जय गान हुआ ,
ऐ हमीद तेरे बलिदान का चर्चा घर -घर आम हुआ ।
ग़ाज़ीपुर का लाल बहादुर जान वतन पर वार गया ,
भारत माँ का क़र्ज़ चुका कर दुश्मन को ललकार गया ।
लोहे का शैतान लिये पाकिस्तानी सेना सजकर आई ,
जज़्बे के आगे उसके न कोई ताक़त काम आई ।
साध रहा था एक निशाने पर दूजा इस युक्ति से ,
भगदड़ मचती जाती थी दुश्मन की सारी चुस्ती में ।
खेमकरण सेक्टर टैंको की क़ब्रगाह बना डाला ,
भारत माँ का वो सपूत अब्दुल हमीद था मतवाला ।
छक्के सब के छूट गय उसकी बुलंद रणनीति थी ,
विजय पताका लहर रही थी पलटन अपनी जीती थी ।
वीरगति पायी तुमने हे ! परमवीर तुम दिल में हो ,
सदियाँ तुमको याद करेंगी तुम गौरव भारत का हो ।
— डा० नीलिमा मिश्रा