गीत/नवगीत

परमवीर शहीद अब्दुल हमीद की याद में नज़्म

माह सितम्बर दस तारीख़ को भारत का जय गान हुआ ,
ऐ हमीद तेरे बलिदान का चर्चा घर -घर आम हुआ ।
ग़ाज़ीपुर का लाल बहादुर जान वतन पर वार गया ,
भारत माँ का क़र्ज़ चुका कर दुश्मन को ललकार गया ।
लोहे का शैतान लिये पाकिस्तानी सेना सजकर आई ,
जज़्बे के आगे उसके न कोई ताक़त काम आई ।
साध रहा था एक निशाने पर दूजा इस युक्ति से ,
भगदड़ मचती जाती थी दुश्मन की सारी चुस्ती में ।
खेमकरण सेक्टर टैंको की क़ब्रगाह बना डाला ,
भारत माँ का वो सपूत अब्दुल हमीद था मतवाला ।
छक्के सब के छूट गय उसकी बुलंद रणनीति थी ,
विजय पताका लहर रही थी पलटन अपनी जीती थी ।
वीरगति पायी तुमने हे ! परमवीर तुम दिल में हो ,
सदियाँ तुमको याद करेंगी तुम गौरव भारत का हो ।
डा० नीलिमा मिश्रा 

डॉ. नीलिमा मिश्रा

जन्म एवं निवास स्थान इलाहाबाद , केन्द्रीय विद्यालय इलाहाबाद में कार्यरत , शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से मध्यकालीन भारत विषय से एम० ए० , राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से पी०एच० डी० । अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में सहभागिता विशेष रूप से १६वां विश्व संस्कृत सम्मेलन बैंकाक २०१५ । विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में लेख गीत गजल कविता नज़्म हाइकु प्रकाशित इसके अलावा ब्लाग लिखना ,गायन में विशेष रुचि