गीतिका/ग़ज़ल

दर्द मिलता है दिल लगाने से

तुम जो आये नहीं जमाने से
हम मुस्कराये नहीं जमाने से

कितने सावन यूं ही बीते
दर्द मिलता है दिल लगाने से

रुठना भी तुम्हारा वक़्ती था
मान जाओगे तुम मनाने से

सितारे रात भर जागते रहे
चांद पिघलेगा टिमटिमाने से

हवा से हाल जो पूछा उसका
टाल मटोल कर दिया बताने से

साजिशन सब है मेरे खिलाफ
उंमीद क्या रखता जमाने से

उसकी याद भुलायी न जायेगी
कुछ न होगा अब दिल जलाने से

राजेश सिंह

पिता. :श्री राम चंद्र सिंह जन्म तिथि. :०३ जुलाई १९७५ शिक्षा. :एमबीए(विपणन) वर्तमान पता. : फ्लैट नं: ऐ/303, गौतम अपार्टमेंट रहेजा टाउनशिप, मलाड (पूर्व) मुंबई-400097. व्यवसाय. : मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीयकृत बैंक, मुंबई मोबाइल. :09833775798/08369310727 ईमेल. :[email protected]