दिल दुखाया नहीं करते
यूं तो हम किसी का भी दिल दुखाया नहीं करते।
साथ रह कर भी उनको कभी सताया नहीं करते।
बनाना चाहते है वो बेवफा अपनी तरह मुझको,
उजाड़ दूसरे का अपना घर बसाया नहीं करते।
आज जो है कल जाना ही दुनिया की पुरानी रीत है,
पर लोग ऐसे भी हैं जो नई चीज़े बनाया नहीं करते।
ये लोग भी इस दुनियां में उन ख़जूरों की तरह हैं,
जो उगते हैं जहां पर वहां कभी साया नहीं करते।
जिन्हें छुपाए रखा है दिल में किसी राज की तरह,
उनसे कभी भी झूठी बातें हम बनाया नहीं करते।
जो तोड़ के चली जाए कोई मेरे इस नाजुक दिल को,
कह देना बसंत में भी वो फिर मुस्कुराया नहीं करते।
— संजय सिंह राजपूत
बागी बलिया उत्तर प्रदेश