ग़ज़ल
न्याय का दीन इंतजार करें
दोस्त को दोस्त एतवार करें|
फक्त सच को तुरंत व्यक्त करें
आप हमको न बेकरार करें |
देश रक्षा में सावधान रहे
देश द्रोही न शर्मसार करें |
देश मजबूत है, बिकाऊ’ नहीं
रहनुमा देश उस्तुवार करें |
अब चुनावों में दागदार न हो
भ्रष्ट को आप नागवार करें |
दुष्ट दुर्जन सभी का’ त्याग करें
चोर डाकू को’ दरकिनार करें |
भ्रष्ट लोगों से’ आप दूर रहे
स्वच्छ सब व्यक्ति को दुलार करें |
सिलसिला नेक काम चलता’ रहे
नेक कर्मों को बार बार करें |
जो पड़ोसी लड़ाई’ करता है
दुश्मनों से युद्ध आर पार करें |
आदमी है समान दुनिया में
सम्यता का सदा प्रचार करें |
प्रेम इज़हार में भी’ प्रेम रहे
प्रेयसी बात पर विचार करें |
छोट भैया को’ मार करना क्या?
सर्वदा शेर का शिकार करें |
उस्तुवार =मजबूत
कालीपद ‘प्रसाद’