षड्यंत्र
सत्ता का षड्यंत्र जारी है
अहम एक बड़ी बिमारी है
हम तो रह गए भोले-भाले
आँखों की पट्टी अभी उतारी है
एक बात अब बैठ विचारी है
फरैब झूठ ही अब अधिकारी है
अब पढ़नी है बेईमानी मुझे
क्या मिला जो पढ़ी ईमानदारी है
सत्ता का षड्यंत्र जारी है
अहम एक बड़ी बिमारी है
हम तो रह गए भोले-भाले
आँखों की पट्टी अभी उतारी है
एक बात अब बैठ विचारी है
फरैब झूठ ही अब अधिकारी है
अब पढ़नी है बेईमानी मुझे
क्या मिला जो पढ़ी ईमानदारी है