बेटी अब तुम शस्त्र उठा लो, मत देखो कानूनों को।
बेटी अब तुम शस्त्र उठा लो, मत देखो कानूनों को।
या फिर तुम नरसिंह बनों तेज करो नाखूनों को।।
जिसकी आँखों मे पट्टी है वो क्या तुमको देखेगा?
उसके ही पैरों मे होगा जो भी पैसा फेकेगा।।
तेरी अस्मत तुम्हें बचानी, कोई नही अब आने वाला।
हर रस्ते पर तुम्हें मिलेगा राक्षस अस्मत खाने वाला।।
कब तक आँखों में पानी भर सबकुछ सहती जाओगी।
रो-रो कर तुम अपनी पीड़ा हर घर कहती जाओगी।।
चोर पुलिस नेता भी कुछ है वो एक जैसे रहते हैं।
ये बच्चों की गलती है पे्रस वालों से कहते हैं।।
बहुत हो चुका रोना धोना, मत देखो उन तीनो को।
अब तो तुम नरसिंह बनों तेज करो नाखूनों को।।
…………………………मानस