कविता

नया युग – कितना दुःख कितना सुख

बेटा ने बोला- पापा आपका जमाना लद गया
अब नया जमाना आया है
मैं बोला- बेटा आज जो नया है वो भी कल पुराना होगा
आज भी पुरानी चिजो का कद नहीं गया ।
बेटा बोला- ये युग आई टी की युग है,
हर काम ऑनलाइन हो रहा है
मैं बोला- युग भले ही आॅनलाइन है
पर क्या माँ बाप आॅनलाइन मिलेगा
भावना, खुशबू, जज्बात, सुख
ये सब आॅनलाईन नहीं मिलते
ये सारे दिलके लाईन ही है मिलते।
बेटा बोला- पर पापा आज कम्प्यूटर, मोबाइल

दुनिया को मुट्ठी मे है कर लिया
मैं बोला पर मुट्ठी खोल कर देखो
इसमें सिर्फ टेंसन और परेशानी ही तूने भर लिया ।
बेटा बोला- ये इलोक्ट्रोनिक युग ने दूरिया कम कर दी है
मैनै बोला- दूर की छोड़ अपने ही घर में झांक
एक दूसरे से रिश्ते के कितने हो गये हैं फांक।
अंत में मैनै बोला- तेरे बाद फिर एक नया जमाना आएगा
तुझसे तेरे को भी दूर ले जाएगा
फिर मेरी बात तू याद कर पछताएगा
और अपने बेटे को मेरी कही बात बताएगा।
– मृदुल