कविता

यारा कोई बात नहीं

माना तुम सही हो
पर में गलत तो नहीं
यारा कोई बात नहीं

तुम्हारे महफिल से रुस्वा हूँ
ये सही तो नहीं
यारा कोई बात नहीं

तुम से शिकायत नहीं करता
पर ऐसा नहीं तुम से कोई शिकायत नहीं
यारा कोई बात नहीं

रो-रो के जीने में क्या रखा है
हॅसते हॅसते तुम पे मर जाऊ
यारा कोई बात नहीं

तुम ही नहीं समझती मुझे
एक दिन कुच कर जाऊंगा
यारा कोई बात नहीं

कर दो मेरे दिल के टुकड़े
हर टुकड़ा मुस्कराएगा
प्यार नहीं कुछ और सही
दिल उसी में खुश हो जायेगा
यारा कोई बात नहीं

रवि प्रभात

पुणे में एक आईटी कम्पनी में तकनीकी प्रमुख. Visit my site