श्रद्धा
शहर में बढ़ती चोरियां के खिलाफ, पुलिस धड़ाधड़ धर-पकड़ में लगी थी । इसी बीच संयोगवश एक चोरी हुुई मूर्ति पुलिस ने बरामद की । पर चूँकि अभी तक किसी ने भी मूर्ति की चोरी की रिपोर्ट नहीं लिखवाई थी, इंस्पेक्टर ने यूँही वो मूर्ति अपनी मेज के कोने पर रख दी थी ।
पर ये क्या…..? आते-जाते लोग और स्टाफ श्रद्धा पूर्वक चढ़ावा चढ़ाने लगे थे। “भक्तिभाव से दिए गए इस चढ़ावे पर कोई कर या किसी की भागीदारी नहीं है” यह सोच कर उस नास्तिक इंस्पेक्टर के ज्ञान चक्षु भी खुल गए और दो-चार दिन बाद ही उन्होंने एक बड़ी मेज भगवान के नाम सपुर्द कर, उधर दानपेटी भी लगवा दी । भगवान के प्रति उनकी श्रद्धा और विश्वास दानपेटी में आने वाले रुपयों की तरह अब दिन प्रतिदिन बढ़ रहा था ।
अंजु गुप्ता