गीत/नवगीत

कोराना

सहमी सी सुबह है,सूनी- सूनी शाम है ।
गतिमान समय में,कैसा ये विराम है ।।
दरवाजे बंद ,नहीं खुलती हैं खिड़कियां ।
सन्नाटा बोलता है,चुप -चुप हैं तितलियाँ।।
दौर कैसा आया,डरे -डरे शहर , ग्राम हैं!
सहमी सी सुबह है,सूनी -सूनी शाम है ।।
लगता था बहुत बड़ा अपना, विज्ञान है ।
संचित है कोष बड़ा ,विश्वव्यापी ज्ञान है।।
छोटा सा कोराना,मचाये कोहराम है।
सहमी सी सुबह है,सूनी सूनी शाम है ।।
पुलिस जवान ,शहर ग्राम ,गली -गली घूमते ।।
तालाबंदी देश में,मास्क मुंह को चूमते ।।
विधाता ही जाने ,क्या इसका अंजाम है!
सहमी सी सुबह है,सूनी सूनी शाम है ।।
 हाथ धोना बार -बार,मास्क भी लगाना है।
सहयोग करें डॉक्टर का,निजात हमे पाना है।।
जिताना है देश को ,घर करना आराम है ।।
सहमी सी सुबह है ,सूनी सूनी शाम है ।।
— रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

रागिनी स्वर्णकार (शर्मा)

1- रचनाकार का पूरा नाम- श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (शर्मा) 2- पिता का नाम-श्री पूरन चंद सोनी 3- माता का नाम -श्रीमती पार्वती 4- पति / पत्नी का नाम- श्री अरुण शर्मा 5- वर्तमान/स्थायी पता -डायमंड रेजीडेंसी, a सेक्टर सिलिकॉन सिटी राऊ ,इंदौर ,जिला-इंदौर मध्यप्रदेश 6- फोन नं/वाट्स एप नं. - 9754835741 7- जन्म / जन्म स्थान-बेगमगंज ,जिला- रायसेन जन्मतिथि 01,/05/1970 8- शिक्षा /व्यवसाय- बी.एस-सी.,एम .ए.(हिंदी,इंग्लिश) एम.एड. 9- प्रकाशित रचनाओं की संख्या-- 300 रचनाएँ प्रकाशित 10- प्रकाशित रचनाओं का विवरण । (लगभग 300 रचनाएँ समाचार पत्र ,संचार एक्सप्रेस ,निशात टाईम्स ,रीडर एक्सप्रेस भोपाल, लोकजंग भोपाल,दैनिक भास्कर भोपाल,देशबन्धु भोपाल ,से प्रकाशित हो चुकी हैं ) संकल्प शालेय पत्रिका का 7 वर्ष से सम्पादन