भाषा-साहित्यलेख

अंगिका, बांग्ला और हिंदी के अमर गीतकार और गायक थे अटकू दर्फ़ी

बिहार, प. बंगाल और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र के रायबहादुर हेमचन्द्र राय से कवि, गीतकार और गायक स्व. अटकू दर्फ़ी की खूब पटती थी तथा रायबहादुर के नवरत्नों में वे शुमार थे । वे मूलत: चैतन्य महाप्रभु यानी गौरांग गोसाईं द्वारा प्रचारित-प्रसारित ‘बांग्ला संकीर्त्तन’ के मूलगैन यानी मूल गायक थे । बांग्ला कीर्त्तन के बोल ”हरे रामा, हरे कृष्णा, हरे-हरे” सहित क्षेत्रीय भाषा अंगिका के लोकगीतकार और हिंदी के आदरणीय कवि भी थे।

द्रष्टव्य के रूप में उनके द्वारा रचित और गायन तथा हारमोनियम की धुन में पिरोई गई दो लोकगीत यहाँ  सादर प्रस्तुत है, यथा-

●लोकगीत : प्रथम (अंगिका भाषा में)

राजा पाखड़ जाकर नाचबै रे,
नचबै, गयबै, उछलबै रे !
छेलै एकs किशन-कन्हैया
ओकरs संगी-ई गोपी भैया !
मोरर पंखs स खेलबै रे,
राजा पाखड़ मs…..
बगिया म बहुतs पाखड़र गाछ,
दुनिया क राजाs छेकै साँच !
पूरब स पछिम जइबै रे,
••••••
राजा पाखड़ मs……
नाचबै गयबै उछलबै रे,
राजा पाखड़ मs…..
माखन चुरइबै,
गोबरधन उठईबै ।
नाचबै गयबै उछलबै रे,
राजा पाखड़ जाकर नाचबै रे।
××××××

●लोकगीत : द्वितीय (हिंदी भाषा में)

न देखा होगा, न सुना होगा
मेरे प्यार की बदबुओं को सूँघा होगा….
दूध पिलाके पाला कभी-ई….
और बदले में दिया—-
विष का प्याला सभी-ई, प्याला सभी-ई…..
न देखा होगा, न सुना होगा…..
सावन समझके पाला तुझे-ए…..
औ’ बदले म समझा भादो मुझे-ए…..
न देखा होगा, न सुना होगा…..
भाई समझ के पाला तुझे-ए…..
औ’ बदले में दिया दगा मुझे-ए…..
न देखा होगा, न सुना होगा…..
साथ खेली रंग की होली…..
औ’ बदले में मिली खूँ और गोली…..
तू राजा बाबू दुलारा है
और तूने मुझे आवारा कहा……
पूजा-परब में सहारा दिया….
औ’ बदले में तूने गँवारा कहा…..
न देखा होगा, न सुना होगा…….
बहना भी ऐसी कि राखी माँगे,
अप्सराएं भी तब साक्षी मांगे ।
न देखा होगा, न सुना होगा……
दोस्तों को मैंने साथ दिया……
औ’ बदले में उसने घात किया…..
कि गुलामी का पिंजरा भाता नहीं…..
न देखा होगा, न सुना होगा…..
×××××

ध्यातव्य है, अंग्रेजी में बिहार यानी BIHAR लिखा जाने और वर्ण/अक्षर विश्लेषण, यथा- B का आशय क्या ? I का आशय क्या ? H का आशय क्या ? A का आशय और R का आशय क्या होंगे ? इसतरह से बना शब्द BIHAR का प्रथम विश्लेषण कवि, गीतकार और गायक आदरणीय स्व. अटकू दर्फ़ी ने ही किये थे, जिन्होंने स्वतंत्रता सेनानी स्व. योगेश्वर प्रसाद ‘सत्संगी’ को कहा था कि 29.02.1908 को राय बहादुर की सहायता से पुरैनिया ज़िला (अब पूर्णिया, बिहार) कलक्टर को पत्र लिखा था-

BIHAR means B=Bharat warsh, I=India, H=Hindustan, A=Aaryawarta, R=Rishi rashtra. This analysis for Bihar that Bihar is new province of British India !

यहाँ R से आशय ‘ऋषि राष्ट्र’ सही है, किन्तु R से रीवा या रेवाखण्ड नहीं है! एक सनातन धार्मिक पुस्तक में रेवाखण्ड का जिक्र है, किन्तु इस ‘खंड’ से तात्पर्य ‘अध्याय’ है ! वैसे भी ‘रीवा’ एक प्रांत (मध्यप्रदेश) का एक ज़िला व जनपद है।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.