कविता

महाराणा प्रताप 

 वीर भूमि राजस्थान का,
 वह वीर प्रताप राणा था ।
जिसके साहस से कांप गया।
अकबर ने लोहा माना था ।
7 फुट के वीर का ,
72 किलो का भाला था ।
200 किलो का कवच पहनकर।
चेतक पर चलता,
आजादी का वीर मतवाला था।
वीर भूमि राजस्थान का ,
वह वीर प्रताप राणा था ।
विधर्मी बनाना ना स्वीकार किया ।
40000 की सेना से ,
अकबर की,
 सवा लाख सेना को मारा था ।
हर बार अकबर को हार दी,
 देशभक्ति का ,
 प्रताप जगत ने माना था ।
 धन्य वीरभूमि राजस्थान की।
 महाराणा प्रताप वीर महान की।
 युग -युग गाएगा गाथा विश्व ।
आत्मसम्मान के महाप्राण की।
 — प्रीति शर्मा “असीम”

प्रीति शर्मा असीम

नालागढ़ ,हिमाचल प्रदेश Email- aditichinu80@gmail.com