कवितापद्य साहित्य

हिंदी की 8 अलमस्त कविताएँ

डॉ. सदानंद पॉल अलमस्त कविताएँ….

1.

इवीएम हराम क्यों है ?

चश्मा क्यों न हराम है ?
मोबाइल फोन क्यों न हराम है ?
बस में चढ़ना हराम है ?
ट्रेन पकड़नी हराम है ?
साइकिल चलानी हराम है ?
घर में जिस थाली में खाते हो,
वो हराम है ?
चायवाली कप हराम है ?
खुद चाय हराम है !
खुद पैजामा हराम है,
गंजी हराम है ?
सिर्फ EVM क्यों ?
बैलेट बॉक्स क्यों नहीं हराम है ?
विज्ञान तो सर्वत्र है !
डॉक्टर के पास क्यों जाते हो, यार !
कैसे-कैसे दकियानूस प्राणी हैं
संसार में !
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2.

मैं चौकीदार भी नहीं !

उल्टे चोर कोतवाल को डाँटे !
पर आज तो ‘उलटी’ हो गई….
सीखने हेतु अपेक्षित नहीं हैं,
तो मैं क्या कर सकता हूँ ?
यह गलती ढूढ़ना नहीं,
एक FB मित्र की ओर से सीख है ।
अगर आपको मेरी सीख अच्छा नहीं लगी हो,
तो आप मेरे मित्र सूची से सादर निकल सकती हैं !
मुझे भी अनगढ़ मित्र नहीं चाहिए !
रही बात हवलदार की,
तो वहाँ पप्पू पहुँचेंगे,
पर
मैं ‘चौकीदार’ भी नहीं !
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3.

सब मौन या सेक्स होम !

इस समय
गली-मुहल्ले व चौक-चौराहे पर
जिसतरह से
कुत्ते और कुत्ती के बीच
निषेचन-क्रिया
चल रही होती है,
चिंतनीय है,
क्योंकि
अद्भुत प्रकार के ‘ब्लूफ़िल्म’ से
नाबालिग और अविवाहित
खराब हो रहे हैं !
सरकार और पंचायत मौन है !
इन लावारिश पशुओं के लिए
Sex Home
हो सकती है क्या ?
इसपर अब सब कोई मौन है !
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4.

अंधविश्वास

अंधविश्वास का पितर पक्ष
मरने के बाद का अस्तित्व
यानी
भूत-प्रेत अभी ‘गया’ जी में !
अवैज्ञानिक तथ्य है
या वैज्ञानिक !
करेंगे मार्गदर्शन
किसी के पास है
तो !
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5.

अवैज्ञानिक सरकार

कहने को सरकार
अपने को
वैज्ञानिक सरकार कहती है,
पर अंधविश्वास (पितर) के लिए
विश्वास (जीवित) से
पिंडदान करा रही है सरकार!
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6.

चाय पिलाने की औकात

जिन मित्रो को
5 रुपये की चाय
दूसरों को पिलाने की औकात नहीं है,
उनसे 100 रुपये दान में पाने की बात करते हैं !
मिडिल व प्राइमरी विद्यालयों में
10 रुपये एब्सेंटी के लिए झगड़ते देखा है,
उनसे 100 रुपये दान में पाने की अपेक्षा कैसे कर सकते हैं?
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7.

आशा ताई

जिनकी गायिकी से
स्वरकोकिला व भारतरत्न लता दी भी
चौंक जाती हैं,
उनकी छोटी बहन
आशा मंगेशकर
उर्फ़ आशा भोंसले
उर्फ़ आशा वर्मन
उर्फ़ आशा ताई,
जिन्हें ‘भारतरत्न’ छोड़कर
सभी प्रकार के सम्मान व पुरस्कार
प्राप्त हो चुकी हैं ।
‘ताई’ को सादर नमन
नाबाद शतायुजीवन
एवं स्वस्थजीवन की
शुभ-शुभ मंगलकामनाएं !
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8.

आभार

स्वस्थ मन से
आपके प्रति आभार !
टेबल पर छड़ी है क्या ?
आप गणित पढ़ाती हैं क्या ?
सुंदर टिफ़िन बॉक्स,
सुंदर पानी बोतल
और
सुंदर पर्स के लिए भी आभार !
परंतु
पर्स बदल लेंगी,
वो आपकी पर्सनलिटी
यानी
स्मार्ट नहीं है वो !
इन सामानों के मालकिन के प्रति
पुन: सादर आभार !
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डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.