‘भारतरत्न’ के लिए हो राष्ट्रसमर्पित मर्यादित नाम
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को भारत रत्न मिले कई अरसे बीत गए, किन्तु उसके बाद बिहार के व्यक्तित्व व कृतित्व को भारत रत्न नहीं मिल सका है ।
इधर बिहार सरकार, खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के तीन दिवंगत विभूतियों के नामों को भारत रत्न अलंकरण के लिए भारत सरकार को प्रस्तावित व प्रेषित किया है, जिनमें वंचित, शोषित, पिछड़े वर्गों के मसीहा व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर, वहीं काम और जुनून के पक्के तथा 20 सालों तक पहाड़ काटकर रास्ता बनानेवाले दलित चेहरा दशरथ माँझी सहित गाँधी जी को सत्याग्रह और असली आज़ादी के आंदोलन दिखाने के लिए उन्हें बिहार लानेवाले चम्पारण के अंग्रेजी नीतियों से त्रस्त किसान राजकुमार शुक्ल के नाम भारत रत्न प्राप्तार्थ सूची में शामिल हैं, किन्तु बिहार से केवल यही तीन नाम भारतरत्न के लिए क्यों, अन्य भी क्यों नहीं ?
बिहार में कई शूरमायें हो गुजरे हैं, जैसे- महान संत महर्षि मेंहीं, बाबा नागार्जुन, राष्ट्रकवि दिनकर, भोला पासवान शास्त्री, ललित नारायण मिश्र इत्यादि भारत रत्न अलंकरण के लिए सर्वोत्तम नाम हैं । इसके साथ ही कई जीवित किंवदंती भी हैं । अपेक्षा है, भारत के इस सबसे बड़े अलंकरण के लिए देश के प्रत्येक भागों से राष्ट्रसेवकों के नाम चुने जाएंगे !