मंज़र
आज है वो कल न रहेगा
वक़्त की धुंध में
सब सिमट जाएगा
जैसा मैं आज हूं
कल न वैसा मिलूंगा
मंजर सब बदलते हैं
ये भी बदल जाएगा
बस थोड़ा इंतजार कर
पहले भी ऐसे कई मंजर आए
कुछ छोड़ अपनी निशानियां
गुजर गए
कशमकश के इस दौर में
धुआं धुआं यह भी गुजर गाएगा
*ब्रजेश*
११जून२०२०