हिंसात्मक भूकम्प !
भूकम्प बहुत हिंसात्मक हो सकते हैं और कुछ ही क्षणों में लोगों को गिराकर चोट पहुँचाने से लेकर पूरे नगर को ध्वस्त कर सकने की इसमें क्षमता होती है। भूकंप का मापन भूकंपमापी यंत्र से किया जाता है, जिसे सीस्मोग्राफ कहा जाता है। एक भूकंप का आघूर्ण परिमाण को पारंपरिक रूप से मापा जाता है, इसे अप्रचलित रिक्टर परिमाण कहा जाता है । तीन या उस से कम रिक्टर परिमाण की तीव्रता का भूकंप अक्सर अगोचर होता है, जबकि 7 रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकेली पैमाने से किया जाता है। पृथ्वी की सतह पर भूकंप भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकंप उपरिकेन्द्र अपतटीय स्थति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सूनामी के प्रसंगश: भी है। भूकंप के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं। कोरोना कहर के बाद उम्फान तूफान, मूसलाधार बारिश, फिर गर्मी और लू और भूकम्प के झटके से लेकर टिड्डियों के कहर से लोग तो परेशान हो ही गए हैं, किन्तु किसान का जीना दूभर हो गया है।