चांदनी रात
प्यारी प्रेयसी
चन्दनी रूपी सखी
वो रूपवती।।
चांदनी रात
बैठा चांद सा सखा
मुद्रा मोहक ।।
प्यार मिलन
ज्यों कृष्ण रासलीला
वो शशि कला।।
प्यारी प्रेयसी
चन्दनी रूपी सखी
वो रूपवती।।
चांदनी रात
बैठा चांद सा सखा
मुद्रा मोहक ।।
प्यार मिलन
ज्यों कृष्ण रासलीला
वो शशि कला।।