इतिहास

महात्मा गांधी भी कुशल डॉक्टर थे !

महात्मा गांधी उर्फ़ गांधीजी, जिन्हें पूरा भारत ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से पुकारते हैं, पर उन्हें मैं ‘बचपन’ से दादू कहता आया हूँ, तो ‘दादू’ की रचना “आरोग्य की कुंजी” पढ़ी, जिसे पढ़ने में मात्र 40 मिनट लगे, लेकिन समझ अभी भी रहा हूँ।

गांधीजी जब 1942-44 के बीच ‘आगाखां महल, पुणे’ में नजरबन्द थे, तब उसी समय उन्होंने यह ‘अनुभव’ लिखा था । वे 28 अगस्त 1942 को लिखना शुरू किये और 28 दिसंबर 1942 को इसे पूरा किये थे ।

‘आरोग्य की कुंजी’ में गांधीजी किसी परिपक्व की तरह डॉक्टरी करते नजर आते हैं । वे MBBS डिग्रीधारी या Ph.D धारी न होते हुए भी शारीरिक अनुभव से ‘आरोग्य’ को जाना और मानवीय शरीर के अनोखे भेद ‘कुशल डॉक्टर’ की तरह परत दर परत बताते गए हैं।

वे यही नहीं रुके, आगे बढ़ते हैं– हवा , पानी , शारीरिक खुराक , मसाले , चाय , मादक पदार्थ , अफीम , ब्रह्मचर्य , पृथ्वी , आकाश , तेज इत्यादि का परिचय कराते हुए चाय , कॉफ़ी , कोको को गलत बताते हैं तथा वे ब्रह्मचर्य का मूल अर्थ बताते हैं कि ब्रह्म की प्राप्ति के लिए , संयम को सही बताते हुए इनका साधारण अर्थ– स्त्री संग का त्याग करना कहा है।वर्ष 2017 तो बिहार में गांधी जी के पदार्पण का यह सौंवा साल है ।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.