5 ऊर्जावान क्षणिकाएँ
डॉ. सदानंद पॉल की क्षणिकाएँ :-
1.
अमरबेल
यादों के सहारे जी लेने दो
लाठी के सहारे बढ़ जाने दो !
मुश्किल नहीं,
महफ़िल सँवारना,
अमरबेल हूँ तो क्या,
पर बढ़ जाने दो !
2.
आप हैं कौन ?
बैंक ‘नियोजित शिक्षकों’ को
नहीं देते हैं ‘लोन’,
कहते हैं-
‘हम आपके हैं कौन’ ?
हैं वो मौन !
सुन ली सोन !
3.
दोनों वारे-न्यारे
टीम इंडिया तो दोनों लैंड से हारे हैं
2019 वर्ल्डकप ‘लैंड’ जीते !
दोनों लैंड ने बढ़िया खेले !
होने थे संयुक्त विजेता ।
दोनों ‘लैंड’ के खिलाड़ी
नेता-अभिनेता !
4.
कुंभ के बाद
पूर्ण कुम्भ यानी 12 साल बाद
एक कर्मठ सरकार
‘नियोजित शिक्षकों’ के लिए
‘परिचय पत्र’
बनाने की सोच रही है,
और 13 वे साल भी
सोच ही रही हैं !
5.
नाटक
‘कर्नाटक’ का नाम बदल देना चाहिए,
अन्यथा यहाँ ‘नाटक’ होते रहेंगे !
यह नाटक कभी फाटक पर अटकेंगे,
साठक पर सटकेंगे !
इसपर उपन्यास लिख दिहे,
हे सुरेंद्र मोहन पाठक !