लघुकथा

ट्रेन पर चिंतन

शहर के बहुचर्चित अध्ययन संस्थानों, यथा- स्टडी ऑफ फिजिक्स एंड केमिस्ट्री एरा, जूलॉजी एंड बॉटनी टेस्ट सीरीज और इंग्लिश पॉइंट में अनुजा को नामांकित करा दी गई थी तथा शहर के ही वीआईपी मोहल्ले के एक संभ्रांत गर्ल्स हॉस्टल में उन्हें शिफ़्ट करा दी गई थी। दो पुरुष अभिभावक को ही वहाँ जाने की अनुमति थी, उनके भी फोटो देने पड़े थे, ताकि आइडेंटिटी कार्ड इशु हो सके ! पापा और मैं दो कुल जमा पुरुष थे। मासिक खर्च देने पापा ही जाते, चाहे सशरीर हो या वाया मनीऑर्डर द्वारा। हाँ, उनके साथ माँ चली जाती थी और वे इसी बहाने अनुजा से भेंट कर लेती थी । हालाँकि छात्रावास के छात्राओं की पहचान भर से किसी महिला को इस गर्ल्स हॉस्टल में आने-जाने की छूट थी, बगैर आई कार्ड के ! मैं दूरभाष से ही अनुजा से यदा-कदा बातें कर लिया करता था, क्योंकि उधर जाने के लिए फुर्सत नहीं मिल पाया था, जो आज मिल ही गया ! …..हाँ, जब-जब ट्रेन हिचकोले से सरसराने लगते हैं !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.