कविता

राखी

सावन के महीने में,
राखी का त्यौहार आता है।
हर बहन को यह पर्व,
सबसे प्यारा लगता है,
हरी चुनर ओढ़ कर,
बहन भाइयों के पास जाती हैं।
भाई के हाथ में राखी बांधकर,
फूली नहीं समाती हैं,
यह रेशम का धागा नहीं,
प्यार की डोर है,
हर बहन को आस है जिसकी,
हर भाई बहन का प्यार है।
हम लुट जाती बहनें भाई पर,
पूजा की थाल सजाती है,
आरती उतार कर तिलक लगाकर,
प्यार का धागा कलाई पर बांधती हैं,
हर बहन मांगे यही दुआ ,
मेरे भाई को किसी की नजर ना लगे,
मेरा भाई खूब उन्नति करें।।
— गरिमा लखनऊ

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384