अकलू की परेशानी
मिट्टी के पाट तो ज्यादा दिनों तक टिकाऊ नहीं रह पाते हैं, किन्तु अगर मलटंकी शौच भवन के नीचे कर दी जाय, तो मल भरने के बाद इन्हें खाली करने व कराने में व सफाई करने व करवाने में काफी दिक्कतें और अव्यवस्था आड़े आती हैं । वहीं दूसरी ओर जिनके यहाँ एकमात्र शौचालय है और परिवार के सभी सदस्य जॉब में हो, तो सुबह शीघ्र फ़ारिग होने के चक्कर में अंडरवियर में ही मल उतर आती हैं.. यह रोज सोच-सोच कर अकलू परेशान हो जाते हैं और जब परेशान होते हैं, तो गुनगुनाने लगते हैं-
“फानूस माने चतुर्दिक विन्यास की मुखरता पर
आग्रही क्लासिकल संस्कृति के फूहड़पन
उसके प्रकार-आकार के जिम्मे में शामिल
एक-एक बाल नोंचकर,
सर के, छाती के और चूतड़ के !”