आइये, सिद्धू-सिद्धू खेलते हैं !
सरदार नवजोत सिंह सिद्धू को क्या हो गया है? क्रिकेटर से कमेडियन बने, फिर राजनीतिज्ञ ! उन्हें पंजाब का डिप्टी CM नहीं बनने का मलाल तो नहीं!
देश के किसी अंग से बेहतर ‘दुश्मन देश’ को बताना, उनके मानसिक-असंतुलन के परिचायक हैं….. वो खुद जानते ही होंगे कि ‘देशद्रोह’ की क्या परिभाषा है?
जब से ‘कपिल शर्मा शो’ में नहीं हैं, उनके बयान अलगाववादी-जैसे होते जा रहे हैं!
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आज़ादी के बाद जैसा सम्मान ‘भाजपा’ ने महात्मा गाँधी, सरदार पटेल, शास्त्रीजी इत्यादि महापुरुषों को दिया, ऐसा सम्मान ‘काँग्रेस’ ने अगर दिया होता!
तो उन्हें ये दिन देखने को न मिलते!
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भाजपा नेतृत्ववाली वाजपेयी सरकार और मोदी सरकार ने भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान व पुरस्कार “राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड” का नामकरण ज्यों के त्यों रखा है!
यह भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी के प्रति ‘भारतीय जनता पार्टी’ (BJP) का सम्मान नहीं तो क्या है?
भाजपा के द्वारा अन्य के प्रति सद्भावना-प्रयास की यह आदर्शतम मिसाल है!