कविता

संजीव-नी

धन बल कुछ काम न आएगा,
न रखोगे संयम सब चला जायेगा,

ऋषि मुनि बड़े बूढ़े कह गए,
आत्मबल,विवेक से ही चलेगा,

करोना से दूर दूर रहो इतना,
बुराइयों से नफरत करते जितना,

ज्ञानियों ने कहा योग,तप उपवास,
ये मानव अश्त्र है अति खास,

आगे कई दिन जीवन के खास,
घर मे ही रहो,घूमो न आसपास,

हाथ धोते रहो,चेहरे पर मास्क पहने रहो,
घबराओना,खुद बहुत सावधान रहो,

जीवन है अनमोल, करेगी न इशारा,
बचालो इसे कॅरोना से,मिलेगी न दुबारा,

ईश्वर है बड़ा दयालु,चत्मकारी,
वो दूर करेगा सारी मुसीबत हमारी,

— संजीव ठाकुर

संजीव ठाकुर

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