दोस्ती में कुश्ती
आशा के आगे-पीछे
कुछ भी धीमा नहीं है
यह प्रीत के विन्यास पर
आदतों के प्रसंगश:
विग्रह निवेदित है !
कौन क्या है ?
जाना क्यों ?
इधर-उधर आना क्यों ?
कुलश्रेष्ठ के अट्टहास
प्रतिबद्धता के विन्यास पर
सुहासित विकास पर
विनाश और विन्यास
दो अलग-अलग चीजें हैं
या सर्वोत्तम सारथी है !
सोचना आपको है,
कहना भी आपको है ।
उनके बनिस्पत
या कि मोटा अक्षर
भैंस बराबर ।
पता नहीं,
भैंस आवश्यक है
या भेद सारक है !
कर कृपा,
खुद के जानेमन !
आलोक के विन्यास पर
कुछ भी रेट तय नहीं है,
- ….तो भय भी नहीं है ।