ज्ञानी जैल सिंह
भारत के 7वें राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह का जन्म 5 मई 1916 को तथा कार दुर्घटना से मृत्यु 25 दिसंबर 1994 को हुई। उनके कार्यकाल 25 जुलाई 1982 से 25 जुलाई 1987 तक रहे। वे ज्यादा पढ़े नहीं थे, किन्तु समझ और अनुभव के आधार सिख धर्म के बारे में काफी कुछ जानते थे, तभी तो वे गुरुद्वारा में ‘ज्ञानी’ पड़ पर थे।
पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके ज्ञानी जी अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, सत्यनिष्ठा के राजनीतिक कठिन रास्तों को पार करते हुए 1982 में भारत के गौरवमयी राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए। 1987 तक के अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें ‘आपरेशन ब्लूस्टार’ एवं इंदिरा गांधी की हत्या जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों से गुजरने पड़े।
ज्ञानी ज़ैल सिंह 1972 में पंजाब के कांग्रेस मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किये जिनमे ६४० किलोमीटर का गुरु गोविन्द सिंह मार्ग एवं स्वतंत्रता सेनानियों के लिए पेंशन योजना प्रमुख हैं। कार्यकाल के कुछ वर्षों में ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से से उनका पूर्ण मतभेद हो गया था।