नई सुबह
हर सुबह
इक नया नकोर पन्ना मिलता है, नया कुछ लिखने को,
मत पलट बीती जिन्दगी के पन्नों को अब,
बस आगे बढ़, बहुत कुछ है अभी जीने को,
रस्ते बदल जाने से मंज़िलें नही बदला करती,
मजबूत इरादों से हर मुकाम हांसिल हैं,
हर सुबह यहीं कहती है, रात काली कितनी भी हो,
अपने पीछे इक सवेरा छुपा कर लाती है …सुमन”रूहानी”