मुक्तक/दोहा

सुभाष बाबू जैसे शहीदों के प्रति

भारत माँ के पूत थे,सचमुच वीर सुभाष।
जिन ने माता को दिया,कदम-कदम विश्वास।।

अमर शहीदों के लिये,देता हूं संदेश ।
तुम हो तो हम हैं ‘शरद’,तुम हो तो यह देश।।

आज़ादी के वीर तुम,रहो सदा आबाद।
करे वतन सजदा सदा, तुम हो ज़िन्दाबाद।।

क़ुरबानी बेकार ना,जायेगी यह सांच।
शौर्य तुम्हारा है अमर,आयेगी नाआंच।।

तुम सूरज,तुम चांद हो,तुम ठंडक, तुम ताप।
तेज तुम्हारे संग जो,कौन सकेगा माप।।

वतनपरस्ती का भरा,था तुम में आवेग।
तुमने अपनी जान का,दिया वतन को नेग।।

अति श्रध्दा के पुष्प तुम,कर लो प्रिय स्वीकार।
अब यह तय बलिदान को,देंगे हम आकार ।।

हिन्दुस्तानी वीर नित,लिखते हैं इतिहास।
हर दिल में जिससे पले,’शरद’ नया विश्वास।।

बार -बार अभिवंदना,नमन् करूं सौ बार।
हर शहीद की बोलिये,मिल सब जय-जयकार।।

— प्रो.शरद नारायण खरे

*प्रो. शरद नारायण खरे

प्राध्यापक व अध्यक्ष इतिहास विभाग शासकीय जे.एम.सी. महिला महाविद्यालय मंडला (म.प्र.)-481661 (मो. 9435484382 / 7049456500) ई-मेल[email protected]