राष्ट्र का उत्सव : 72वां गणतंत्र दिवस
राष्ट्र का उत्सव : 72वां गणतंत्र दिवस । भारत के मतदाता, खासकर पहलीबार ‘वोटर लिस्ट’ में आये युवा मतदाता के लिए 2021 का राष्ट्रीय मतदाता दिवस 11वां दिवस है।
कोई भी गणतंत्र देश मतदाताओं, खासकर ईमानदार मतदाताओं पर ही टिकी है, इसलिए देश के हर लोकतांत्रिक सरकार को चाहिए, वे हमेशा ही मतदाताओं के सुख -दुःख में शामिल रहे । राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुभकामनाएं !
25 जनवरी की संध्या को महामहिम राष्ट्रपति महोदय ‘राष्ट्र के नाम संदेश’ देंगे, तो सर्वाधिक प्रतिष्ठित ‘पद्म सम्मान’ की घोषणा 25 जनवरी के शाम को ही होगी । आँकड़ों में भारत की आबादी 133 करोड़ है और प्रतिवर्ष दिए जानेवाले ‘पद्म सम्मान’ की संख्या 133 भी नहीं है।
सबसे खराब स्थिति बिहार के नागरिकों की है, जिनमें देश में सर्वाधिक प्रतिभा होने के बावजूद व यहाँ की आबादी 12 करोड़ से ज्यादा होने के बावजूद यहाँ के लोगों की झोली में प्रतिवर्ष दिए जानेवाले यह सम्मान सिर्फ़ एक या दो ही मिल पाते हैं !
देश में बिहार की प्रतिभा पर सम्मान सिर्फ यही मात्र है क्या ? इसपर देश को ध्यान देना चाहिए और प्रतिभा के लिए नज़रिया बदलने चाहिए । बिहारी प्रतिभा को किसी ने मूल्यांकन क्यों नहीं किया ? इसबार 25 जनवरी की संध्या को बिहारी के ललाट में रौनक आएंगे !
इनसब के बाद हम 26 के सुप्रभात में पहुंचेंगे, जो कि हमारा 72वां गणतंत्र दिवस है । ब्रिटिश सत्ता से मुक्ति पाकर हमने 26 जनवरी 1950 को हम ‘गण’ ने अपना ‘तंत्र’ पाया।
अपना संविधान बना, जो ‘हम भारत के लोग…’ से शुरू होता है, परंतु ‘भारतीय दंड संहिता’ में कई बिम्ब -विधान अभी भी अंग्रेजों के हैं !
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार पटेल, डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. भीमराव सकपाल अम्बेडकर, डॉ. बी एन राव इत्यादि महापुरुषों के सद्प्रयासों से हमने संसार का सबसे बड़ा संविधान पाया । गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर एतदर्थ शुभमंगलकामनाएँ !