राजनीति

उत्तम हो गणतंत्र हमारा

गणतंत्र का सीधा अर्थ जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली। गण अर्थात् लोग या जनता तंत्र यानी प्रणाली/ सिस्टम
 गणतंत्र ऐसी सत्ता है जो उस राष्ट्र की जनसाधारण में समाहित हो। जिसमें जनता के लिए जनता के द्वारा शासन की व्यवस्था हो और उस व्यवस्था को साकार करने के लिए उस राष्ट्र का ऐसा विधान तय किया जाता है, जिसे हम संविधान कहते हैं। गर्व की बात यह है कि हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें आज 465 अनुच्छेद 12 अनुसूची और 22 भागों में विभाजित है। संविधान शिल्पी भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने इसे 2 वर्ष 11 माह 18 दिन के कठोर परिश्रम से तैयार किया था। हमारे देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को अंगीकृत किया गया और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया। इसके पीछे मूल कारण 26 जनवरी 1929 को पंडित नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के द्वारा पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की गई थी।
 आज हमारा देश का संविधान खतरे के घेरे में है आज हमारा गणतंत्र सवालों के घेरे में है। आज हमारे देश  का गणतंत्र चुनौतियों के घेरे में है। आज हमारे देश के गणतंत्र में गण तो गायब हो गया ऐसे गणतंत्र के कई सवाल जो हमें संदेह के घेरे में खड़ा करते हैं। हमारा संविधान हमारे अधिकारों की गारंटी लेता है। किंतु सच में ऐसा हो रहा है!
 हमारे देश में गणराज्य की परंपरा वैदिक काल से चली आ रही है और वही परंपरा आजादी के बाद हमें पुनः मुनासिब हुई है किंतु आज हमारे गणतंत्र में आजादी के 14 साल बाद देशवासी रोटी, कपड़ा, मकान,स्वास्थ्य और शिक्षा की सुविधा हेतु संघर्षरत है। आजादी के समय देश के मनीषियों में यह सपना था कि देश के प्रत्येक नागरिक को अच्छा नागरिक बनाया जाए उसे एकता के सूत्र में जोड़ा जाए ।खुशाली और अमन-चैन की जिंदगी वाले समाज का निर्माण किया जाए। गरीबी-अमीरी की खाई को पाटा जाए और सभी जन को एक समान बनाया जा।इस प्रकार की कल्पना लिए हुए सच्चे अर्थों में स्वतंत्र भारत की आत्मा कहे जाने वाले संविधान का निर्माण किया गया। आज वही संविधान खतरे में खड़ा है। उसे बचाया जाए। जनता के द्वारा चुने हुई सरकारें ही एकमात्र सहारा नहीं है और नहीं दोषपूर्ण है। देश की जनता यह तय करें और इमानदारी के साथ अच्छे नागरिक का कर्तव्य निभाएं तो लोकतंत्र में आई दोषपूर्ण विकृति को सुधारा जा सकता है। क्योंकि जागृत जनता के द्वारा कुशल नेतृत्व करने पर ही गण तंत्र मजबूत होगा और सही लोकतंत्र को दिशा धारा मिलेगी। देश में ऐसा कोई मसीहा नहीं है राष्ट्र की समस्याओं का समाधान जादुई तरीके से कर सकता है। यह काम तो जनता ही अपनी समस्याओं का समाधान हेतु प्रतिबद्ध होकर और निर्णय लेकर कर सकती है। क्योंकि हमारे देश का संविधान हम भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए हमारे संविधान में विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका जो हमें अधिकार स्वरुप व्यवस्था देती है जिसमें हम भारत के लोगों को सामाजिक ,धार्मिक आर्थिक ,राजनीतिक, न्याय, अभिव्यक्ति, विश्वास, स्वतंत्रता, धर्म और उपासना समानता हेतु अधिकार प्रदान करती है।
 वही हमारा संविधान अग्नि परीक्षा से गुजर रहा है और गणतंत्र झुलस रहा है। आज न्यायपालिका और विधायक पालिका में टकराहट है जिससे लोकतंत्र को क्षति पहुंच रही है आज हमारा गणतंत्र खराब दौर से गुजर रहा है।
 आज हमारे गणतंत्र में पूंजीवाद, निजीकरण हावी हो रहा है देश में बड़ी-बड़ी कंपनियां एवं कारपोरेट इस देश को चला रहे हैं। प्राकृतिक संसाधनों पर उनका कब्जा हो रहा है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाला मीडिया भी संकट में है। गणतंत्र को जिंदा रखने के लिए मीडिया को बचाना अति आवश्यक है। जनता में विषमता का जहर फैल रहा है। देश में माफिया का साम्राज्य विस्तार ले रहा है। गणतंत्र में न्याय व्यवस्था आम आदमी के लिए दुर्लभ हो गई है। सैद्धांतिक रूप से बना संविधान आज व्यवहारिक रूप में लागू नहीं हो पा रहा है। संविधान के अधिकार होते हुए भी आम आदमी के अधिकार जीवन जीने का अधिकार नहीं दे पा रहा है। देश में अपराध, भ्रष्टाचार ,आतंकवाद जातिवाद हिंसा,क्षेत्रवाद बलात्कार बढ़ रहा है धर्मनिरपेक्षता का सपना उड़ता जा रहा है और मजहबी दंगे से देश जल रहा है। दलित, आदिवासी, महिलाएं  और अल्पसंख्यकों के प्रति अपराध बढ़ रहा है। दोषियों को सजा देने के बजाय हमारा देश का संविधान मात्र तमाशा देख रहा है। गण पलड़ा आज तंत्र पर भारी पड़ रहा है। चुनाव में आज काले धन का रावण गरीब जनता को निगल रहा है। देश में वैश्विक भुखमरी का सूचकांक 2020 के अनुसार 107 देशों में 94 स्थान पर है।
 गणतंत्र का फैसला आज कोई और कर रहा है।आज देश का अन्नदाता कहे जाने वाला किसान सड़कों पर है।
       आज गण अपने तंत्र को अच्छा,सुंदर ,मजबूत करने के लिए देश के संविधान को बचाने का संकल्प लें और अपने लोकतंत्र को मजबूत बनाएं तभी हमारा गणतंत्र देश की चुनौतियों से लड़ सकेगा और भारत को महाशक्ति बना सकेगा।
  – डॉ.कांति लाल यादव

डॉ. कांति लाल यादव

सहायक प्रोफेसर (हिन्दी) माधव विश्वविद्यालय आबू रोड पता : मकान नंबर 12 , गली नंबर 2, माली कॉलोनी ,उदयपुर (राज.)313001 मोबाइल नंबर 8955560773