न जूठा खाएं, न खिलाएं
एक है ओझा बाबू !
माट साब हैं,
करप्ट तरीके से
रुपये उगाही में
लगे रहते हैं !
कहते हैं,
सवर्ण हूँ,
कमाकर एससी का ही
हेल्प करता हूँ!
जिनकी
यानी ओबीसी की आबादी
देश में 54% से अधिक है,
उन्हें आधी यानी 27%;
तो जिनकी
यानी सवर्ण की आबादी
5% भी नहीं है,
उन्हें दूने
यानी 10% आरक्षण !
पति-पत्नी के बीच कभी पटा नहीं
और
रिजल्ट ‘अटपटे संतान’
पैदा हो गए !
पति-पत्नी के बीच
एक-दूजे के जूठा खाने से
प्रेम नहीं,
बीमारी फैलती है!
इसलिए किसी को
न तो जूठा खिलाएँ,
न ही किसी के
जूठे खुद खाएँ!