आम पेड़
“संबंध”
जितनी अधिक निकट होती है,
उसके टूट की संभावना भी
उतनी तेज़ होती है !
जब दो व्यक्तियों में
अटूट स्नेह होता है,
उसमें कम
या अधिक अपेक्षा
या उपेक्षा होती हैं,
तो उन संबंधों में
बहुत उबाल आता है !
“दोनों पक्ष राजी लिए बालिग”
फल खाने के लिए
पेड़ लगाने
जरूरी तो नहीं !
“सही बात मत सुनाया करो,
भैया !
कड़वा लगता है !
अगर सुनकर पचा गया,
तो हार्टअटैक निश्चित !”
आम खाने के लिए
पेड़ लगाने जरूरी तो नहीं;
कुछ दोस्त से मिल जाते,
कुछ मुफ़्त मिलते
और कुछ बाजार से
खरीदे जाते !