कविता

कविता – माँ जैसी कोई नहीं

रिश्तों के नाम तो कई है,
पर माँ होना आसान नही है!!
अपने सारे सपनों को त्यागकर,
सबके साथ खुश रहना आसान नही है!!
बहुत सारी जिम्मेदारी कंधों पर है,
समय सारणी भी सख्त बड़ी है,
हर वक़्त काम में उलझे रहना,
स्वयं के लिए दो पल मिले आसान नही है!!
जानती हूँ यह कहना आसान नहीं,
किसी पर इल्जाम भी नही है,
अपने अंतर्मन की अभिलाषा को,
भूला पाना इतना आसान नही है!!
घर छोडू तो घर बिगड़ेगा,
मन की सुनू तो मन बिगड़ेगा,
दोनों को साथ समेट कर चलना,
ये सफर भी इतना आसान नही है!!
मुश्किल वक़्त लगी तब जब,
कोई हमें समझ नहीं पाया है,
कितना समर्पित कर उठायी जिम्मदारी,
हर एक रिश्ते को संजोये माँ,
खोकर भी सारा फ़िर भी नाम ना मिलना,
हक जो है वह सम्मान ना मिलना,
हँस कर सबकुछ यू टालते रहना,
हर किसी के लिए इतना आसान नहीं है!!
माँ होना इतना आसान नहीं है,
माँ होना इतना आसान नहीं है!!
— सरिता श्रीवास्तव

सरिता श्रीवास्तव

जिला- बर्धमान प्रदेश- आसनसोल, पश्चिम बंगाल