कविता

माँ से मैं हूँ माँ से तुम हो

माँ से मैं हूँ माँ से तुम हो,
माँ से है संसार सारा।
माँ ही साथी माँ ही सहारा,
माँ ही हमारी बहारा।।
माँ तेरा आँचल शीतल छाया,
तेरा आशीष धन है हमारा।
निश्छल प्रेम की सागर है तू,
तुझसे चले जीवन धारा।।
माँ तेरी लोरी माँ तेरी थपकी,
हमको है सबसे प्यारी।
हैं याद हमको तेरी मीठी बातें,
वो दूध मलाई प्यारी।।
तेरी मधुर मुस्कान पर मैं,
जाऊँ सब कुछ वारी।
माँ मेरी बस इतना समझ ले,
तू है जान हमारी।।
रहे तू सलामत माँ मेरी बस,
इतनी सी दुआ मैं माँगू।
ना साथ छूटे तेरा कभी भी,
बस मैं इतना ही चाहूँ।।
नवनीत कुमार शुक्ल
रायबरेली, उत्तर प्रदेश

नवनीत शुक्ल

शिक्षक/सम्पादक रायबरेली-उत्तर प्रदेश मो.न.- 9451231908 शिक्षक