उठो, जागो और विवेकानन्द जैसे बनो !
जो 40 वर्ष भी जी न पाए और इतनी ही उम्र में पूरी दुनिया को सनातन ‘हिंदुत्व’ की सीख दे गए । उन्होंने तब महिलाओं के प्रति प्रथम सम्मानार्थ सर्वप्रथम उन्हें संबोधन करने को लेकर ‘बहन’ (भगिनी) शब्द अंग्रेजी यानी Sisters के रूप में किए ।
सन 1893 में अमेरिका उनके भक्त हो गए ! प्रखर वक्ता, साधक, संन्यासी लिए उनकी भौतिक काया 32 व्याधियों से आबद्ध हो गई और 39 वर्ष की अवस्था में गहन चिरनिद्रा में चले गए! उनका जीवन ही उनका दर्शन है ।
“उठो, जागो” तो उनके दर्शन का मूलमंत्र है ! उनके पाठशाला नाम नरेन्द्र है, जो कि किशोरावस्था में परिव्राजक रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की याद दिला देते हैं ! देशभक्ति भावना दोनों नरेंद्र में पुरजोर रही है ।
दिनांक 3 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लद्दाख में दिए भाषण को ऐसे संदर्भों से जोड़ा जा सकता है !