लाखों में एक
दादी यूँ तो सोना और उसके फुफेरे भाई मोहित दोनों से ही स्नेह करती थी, लेकिन उनका मोहित की तरफ अत्यधिक झुकाव, सोना के हृदय में, अनजाने ही मोहित के प्रति घृणा का भाव पैदा कर रहा था ।
मोहित के लिए “लाखों में एक है मेरा लाल” जुमला सुन कर सोना अंदर तक जल जाती थी।
और.. आज दसवीं का रिजल्ट था। सब रिजल्ट देखने बैठे थे।
“क्या रिजल्ट रहा?” दादी ने पूछा।
“सोना जिले में तीसरे स्थान पर आई है।” पापा खुशी से सोना को गले लगाते हुए बोले।
“और मोहित?” दादी ने पूछा।
पापा झिझके …
“दादी! तेरा मोहित तो लाखों में एक ही है ।” इतना कहकर सोना ने एक कुटिल मुस्कान बिखेर दी, जिसका मतलब दादी भली भांति समझ सकती थी ।
अंजु गुप्ता ✍🏻