लघुकथा

अउर का….

‘काव्याणु’ एक शब्द है, कोई भी मित्र इसे एक शब्द के रूप में टाइप करके मेरी चुनौती को अमल में लाकर दिखाइए तो जरा ! नियोजित भात-दाल अउर नियत साइज पापड़वाली सेवाशर्त्त नियमावली ! ….तो बात यह है-
‘बार नाल जी नहीं रहे, सुना कुछ !’
‘अरे कब ? कल 8 बजे ही तो मुझे स्कूल जाते बकत मिले थे !’
‘कल राति ही हार्ट अटैक आया था और चल बसे !’
‘….बताइये जरा ! इतना भी कोई लापरवाह आदमी होवत है!’
‘जीवन की हर छोटी-मोटी बातें इहाँ शेयर करत थे, बताइये जीवन की इतनी बड़ी बात शेयर करना भूल गए !’
‘कोई बात नहीं, भैया ! ठीके हुआ, वो सुप्रीम कोर्ट के पुनर्विचार फैसला पर त इधर नियोजित शिक्षक नेता फिर से चंदा माँगिश के तैयार रहत है, उ सब आजु आने को थे…’
‘त उ पैसवा चंदवा के, एकर दाह संस्कार में लगवा देल !’
‘अउर का !’

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.