संघर्ष चुनना पड़ेगा
वो कठिन पथ सामने थे
जिन पर था चलना मुझे
हम भरे आशाओं से थे
जल मगन से हो चुके
कुछ बड़े संघर्ष करके
पा लिए थे लघु राह हम
उन लघु राहों में चलकर
अब कर रहे थे संघर्ष हम
जीवन में संघर्ष गाथा
है सदा आती उन्हीं के
जो निरंतर चल रहे हैं
बिन डरे तूफ़ाँ-आँधी से
हम नहीं हैं जीत सकते
संघर्ष के किस्सों से डरकर
हैं सदा जीते वही जो
आए हैं मुश्किलों से लड़कर
अब जीत गर पानी तुम्हें है
तो संघर्ष को चुनना पड़ेगा
हाँ डर गए संघर्ष से जो तुम
तो बिन नाम के मरना पड़ेगा
संघर्ष की लाखों हैं गाथा
एक आध को पढ़ना पड़ेगा
तुमने नहीं गाथा पढ़ी जो तो
निराशा में ही जीना पड़ेगा
यहाँ जीवन धरा पर जी रहे हो
निश्चित मौत से मिलना पड़ेगा
छोड़ना चाहते हो यश धरा पर
तो संघर्ष को ही चुनना पड़ेगा
— शिवम अन्तापुरिया