दस्तूर
कब कैसे
नजदीकियां दूरियों में बदल जाएं
दूरियां आ सिमट
दामन से लिपट जाएं
न जाने कब कोई चिंगारी भड़क
शोला बन जाए
हवाओं का रुख बदल
आंधियों में तब्दील हो जाएं
कैसा है जमाने का दस्तूर
मेरे यार कब तोला
कब माशा हो जाए
कब कैसे
नजदीकियां दूरियों में बदल जाएं
दूरियां आ सिमट
दामन से लिपट जाएं
न जाने कब कोई चिंगारी भड़क
शोला बन जाए
हवाओं का रुख बदल
आंधियों में तब्दील हो जाएं
कैसा है जमाने का दस्तूर
मेरे यार कब तोला
कब माशा हो जाए