सर्वपितृ अमावस्या
पूर्वज है हमारी जिन्दगी का व्याकरण
जिन्होंने किया सबकुछ हमें समर्पण ।
इनके सद्गुणों का करे हम आचरण
पितृगण है हमारे संस्कारों का दर्पण ।।
विश्व व्याप्त वसुदेव – प्रेम का कर समर्थन
गाय,स्वान, कॉग,ब्राह्मण को करे भोज अर्पण ।
क्योंकि श्राद्ध पक्ष में करते पितृ धरा पर भ्रमण
धूप-ध्यान से होता पितृदोष -ऋण का निवारण ।।
सर्वपितृ अमावस्या पर करे पितरों का सुमिरन
तिल, जौ , जल को करे श्रद्धाभाव से अर्पण ।
पूर्वजों के सपनों का करें सपरिवार नवसृजन
तभी सफल होगा हमारे पितृगणों का तर्पण ॥
— गोपाल कौशल ” भोजवाल “