गीतिका/ग़ज़ल

मरकतो की बारिश

दिल पर दस्तक देने वाले
ऐ अजनबी कौन हो तुम?
बेगाने -से इस शहर में
जाने पहचाने-से कौन हो तुम?
पराए की महफ़िल में
अपने से नज़्म कौन हो तुम?
हालातों की तपिश में
राहतो की बारिश-सा कौन हो तुम?
वीरान सेहराओ में
शहनाई की गूंज कौन हो तुम?
थके-हारे मुसाफिर को
खुशनुमा मंजिल-सा कौन हो तुम?
दिलों दिमाग को सुकून देती
ऐ पाकिजा एहसास -सा कौन हो तुम?
जिंदगी के झंझावातों में
मरकतो की बारिश कौन हो तुम?

— विभा कुमारी “नीरजा”

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P